World Telecommunication Day: सबसे पहली बार मोबाइल फोन पर बात भारत में कब हुई? इस में क्या कहा गया बातचीत मे ?
आज वर्ल्ड टेलिकम्युनिकेशन डे है. इस खास मौके पर आप जानिए कि भारत में कैसे पहले मोबाइल फोन पर बात हुई थी. किन दो लोगों के बीच यह बात हुई थी और उन्होंने एक दूसरे से क्या कहा?
26 साल पहले मोबाइल फोन कॉल पर पहली बार बात हुई थी भारत में .
आज के दौर में दुनिया के किसी भी कोने में बैठे लोग एक दूसरे से बेहद आसानीपूर्वक जुड़ सकते हैं. किसी एक जगह की हर छोटी-बड़ी बात को दूसरी जगह पहुंचाने में सेकेंड से भी कम समय लगता है. टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की खोज इंसानों की सबसे बड़ी खोज में से एक माना जाता है. इन्फॉर्मेशन और टेलिकम्युनिकेशन की इसी अहम भूमिका को समझते हुए हर साल 17 मई को वर्ल्ड टेलिकम्युनिकेशन डे (World Telecommunication Day) के तौर पर मनाया जाता है. आज ही के दिन 1865 में इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) की स्थापना हुई थी.
इसी खास मौके पर हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर कब और कैसे भारत में पहली कॉल हुई थी? किसकी वजह से यह संभव हो सका और किन दो लोगों के बीच पहली बार फोन कॉल पर बात हुई थी. आइए जानते हैं उस पहले फोन कॉल के बारें में…
26 साल पहले मोबाइल फोन कॉल पर पहली बार बात भारत में हुई थी .
31 जुलाई 1995 को पहली बार फोन कॉल पर दो लोगों के बीच बात भारत में हुई थी. आज से करीब 26 साल पहले तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुखराम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बीच देश के पहले फोन कॉल पर बात हुई थी. अब इसके साथ ही आपके मन में एक सवाल यह भी होगा कि आखिर इन दोनों लोगों के बीच इस फोन कॉल पर बात क्या हुई थी. इस बारे में भी बताते हे.
कितनी महंगी थी ये पहली काल
उस समय के संचार मंत्री सुखराम ने दिल्ली के टेलिकम्युनिकेशंस विभाग से पहला कॉल लगाया था. उस दिन पश्चिम बंगाल कोलकाता स्थित राइटर्स भवन में थे ज्योति बसु .दोनों नेताओं ने इसे महत्वपूर्ण माना था. ज्योति बसु ने कहा था कि वायरेलस तकनीक पर यह टेलिफोन सिस्टम देश की सबसे बड़ी क्रांति साबित होने वाली है. उस दौर में इस कॉल की कीमत प्रति मिनट की दर थी 16 रुपये .
मोदी टेल्स्ट्रा कंपनी ने शुरू की यह सेवा
इस पहले कॉल किए जाने की कहानी तो दिलचस्प है ही भारत के लिए.इसकी शुरुआत भी उतनी ही खास है. दरअसल, साल 1994 में ज्योति बसु ने बिजनेस मैन भूपेंद्र कुमार मोदी के साथ मुलाकात में कहा था कि कोलकाता वो शहर होना चाहिए, जहां देश में सबसे पहले मोबाइल नेटवर्क पहुंचे.
इसके बाद इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया गया था. बीके मोदी की कंपनी का नाम मोदी टेल्स्ट्रा था. मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की टेल्स्ट्रा के साथ मिलकर भारत में जीएसम नेटवर्क पर काम करना शुरू किया था.
इस कम्पनी ने भी की तकनीकी मदद जिसका नाम { नोकिया }
ज्योति बसु से कोलकाता में मिलने और इस प्रोजेक्ट पर चर्चा के बाद बीके मोदी ने नोकिया से भी सपंर्क किया ताकि इसके लिए तकनीकी मदद जुटाई जा सके. इसके करीब 9 महीने बाद भारत में पहली बार सेलुलर सर्विस शुरू हुआ. इसके बाद से विकास को जो यात्रा शुरू हुई है, उसे आप आसानी से देख और समझ सकते हैं.
आज भारत में उन देशों में शामिल है, जहां सबसे कम दाम में मोबाइल डेटा उपलब्ध है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा मोबाइल यूजर्स के मामले में भी भारत कई दिग्गज देशों से आगे है.
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