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दमा एक ऐसी समस्या है जो हमारी फेफड़ों को प्रभावित करती है और श्वास लेने में मुश्किल पैदा करती है। इसके लिए यदि आप घरेलू उपचार ढूंढ रहे हैं तो इसके लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं।
हल्दी दूध: हल्दी दूध एक प्राकृतिक औषधि है जो दमे में आराम देने में मदद करती है। आप रात को सोते समय गर्म दूध में थोड़ी हल्दी मिलाकर पी सकते हैं।
आधा चम्मच मधु और एक चम्मच अदरक का रस: मधु और अदरक दोनों ही श्वास लेने में मदद करते हैं। आप इन्हें मिलाकर दमे से राहत प्राप्त कर सकते हैं।
तुलसी की चाय: तुलसी एक प्राकृतिक औषधि है जो दमे में लाभदायक होती है। आप तुलसी की चाय पी सकते हैं या फिर तुलसी के पत्तों को सीधे चबाकर भी इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
नीम के पत्ते: नीम के पत्ते दमे के लिए एक उत्तम घरेलू उपचार हो सकते हैं। आप नीम के पत्तों को पीसकर उनके रस को छानकर पी सकते हैं।
सुखी खजूर, बदाम और काजू: सुखी खजूर, बदाम और काजू दमे के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आप रात को सोते समय 2-3 बादाम और कुछ काजू खा सकते हैं जो दमे में राहत प्रदान करते हैं। सुखी खजूर भी दमे में मदद करते हैं, इसलिए उन्हें अपने आहार में शामिल करने का प्रयास करें।
अदरक का रस और शहद: अदरक का रस और शहद मिलाकर पीने से दमे में राहत मिलती है। आप रोज इसे सुबह-शाम पी सकते हैं।
स्पाइसी खाद्य पदार्थों से बचें: ज्यादा स्पाइसी खाद्य पदार्थों से दमे में तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए आप इन्हें अपने आहार से दूर रखें और स्वस्थ आहार लें।
नियमित व्यायाम करें: दमे के लिए व्यायाम भी बहुत उपयोगी होता है। ध्यान रखें कि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं जैसे कि योग या दौड़ना।
धूम्रपान न करें: धूम्रपान दमे की समस्या को बढ़ावा देता है। इसलिए आप धूम्रपान से दूर रहें।
हल्दी और दूध: हल्दी और दूध एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है जो दमे के लिए उपयोगी होता है। आप एक गिलास दूध में 1 चम्मच हल्दी मिलाकर पी सकते हैं। इससे दमे में राहत मिलती है।
नींबू का रस: नींबू का रस दमे में बहुत उपयोगी होता है। आप रोज सुबह खाली पेट नींबू का रस पी सकते हैं जो दमे में लाभदायक होता है।
गर्म पानी विश्राम: दमे में आराम करने के लिए गर्म पानी से स्नान करने का प्रयास करें। इससे दमे के लक्षणों में कमी होती है।
संतुलित आहार: संतुलित आहार लेना दमे के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए आप अपने आहार में प्रोटीन, फल और सब्जियां शामिल करें। अधिक मसाले वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
केला के पत्तों को सुखाकर किसी बड़े बर्तन में जला लेवें। फिर कपड़छान कर लें और इस केले के पत्ते की भरम को एक कांच की साफ शीशी या डिब्बे में रख लें । बस, दवा तैयार है ।
सेवन विधि - एक साल पुराना गुड़ 3 ग्राम चिकनी सुपारी का आधा से थोड़ा कम वनज को 2-3 चम्मच पानी में भिगों दें । उसमें 1-4 चौथाई दवा केले के पत्ते की राख डाल दें और पांच-दस मिनट बाद ले लें । दिनभर में सिर्फ एक बार ही दवा लेनी है, कभी भी ले लेवें ।
बच्चे का असाध्य दमा - अमलतास का गूदा 15 ग्राम दो कप पानी में डालकर उबालें चौथाई भाग बचने पर छान लें और सोते समय रोगी को गरम-गरम पिला दें । फेफड़ों में जमा हुआ बलगम शौच मार्ग से निकल जाता है । लगातार तीन दिन लेने से जमा हुआ कफ निकल कर फेफड़े साफ हो जाते है । महीने भर लेने से फेफड़े कर तपेदिक ठीक हो सकती है ।

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