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दिसंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आंवले के प्रयोग - 1(भाग १)-

आंवले के प्रयोग - 1(भाग १)---------- ______________________________________________________ बालों के रोग : -आंवले का चूर्ण पानी में भिगोकर रात्रि में रख दें। सुबह इस पानी से रोजाना बाल धोने से उनकी जड़े मजबूत होंगी, उनकी सुंदरता बढ़ेगी और मेंहदी मिलाकर बालों में लगाने से वे काले हो जाते हैं। "पेशाब की जलन : -* आधा कप आंवले के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पिएं। * हरे आंवले का रस 50 ग्राम, शक्कर या शहद 25 ग्राम थोड़ा पानी मिलाकर सुबह-शाम पीएं। यह एक खुराक का तोल है। इससे पेशाब खुलकर आयेगा जलन और कब्ज ठीक होगी। इससे शीघ्रपतन भी दूर होता है।" " हकलाहट, तुतलापन : -* बच्चे को 1 ताजा आंवला रोजाना कुछ दिनों तक चबाने के लिये दें। इससे जीभ पतली, आवाज साफ, हकलाना और तुतलापन दूर होता है। * हकलाने और तुतलाने पर कच्चे, पके हरे आंवले को कई बार चूस सकते हैं।" खून के बहाव (रक्तस्राव) : -स्राव वाले स्थान पर आंवले का ताजा रस लगाएं, स्राव बंद हो जाएगा। धातुवर्द्धक (वीर्यवृद्धि) : -एक चम्मच घी में दो चम्मच आंवले का रस मिलाकर दिन में 3 बार कम-से-कम 7 दिनों तक ले सकते हैं।

आंवले के प्रयोग - 2(द्वितीय भाग) -------------------

आंवले के प्रयोग - 2(द्वितीय भाग) ------------------- ______________________________________________________ वमन (उल्टी) : -* हिचकी तथा उल्टी में आंवले का 10-20 मिलीलीटर रस, 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर देने से आराम होता है। इसे दिन में 2-3 बार लेना चाहिए। केवल इसका चूर्ण 10-50 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ भी दिया जा सकता है। * त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) से पैदा होने वाली उल्टी में आंवला तथा अंगूर को पीसकर 40 ग्राम खांड, 40 ग्राम शहद और 150 ग्राम जल मिलाकर कपड़े से छानकर पीना चा हिए। * आंवले के 20 ग्राम रस में एक चम्मच मधु और 10 ग्राम सफेद चंदन का चूर्ण मिलाकर पिलाने से वमन (उल्टी) बंद होती है। * आंवले के रस में पिप्पली का बारीक चूर्ण और थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से उल्टी आने के रोग में लाभ होता है। * आंवला और चंदन का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर 1-1 चम्मच चूर्ण दिन में 3 बार शक्कर और शहद के साथ चाटने से गर्मी की वजह से होने वाली उल्टी बंद हो जाती है। * आंवले का फल खाने या उसके पेड़ की छाल और पत्तों के काढ़े को 40 ग्राम सुबह और शाम पीने से गर्मी की उल्टी और दस्त बंद हो जाते

कुछ घरेलू नुस्खे -----

कुछ घरेलू नुस्खे ----- जुकाम से नाक बंद हो जाना : ठंड या बारिश के मौसम में जुकाम के कारण नाक बंद हो जाती है। ऐसे मौसम में यह समस्या एक आम बात है। इससे बचाव के लिए अजवाय को भून कर पीस ले। उसे एक सूती कपड़े में बांधकर इनहेलर बना लें। इसे बच्चों को सुघांते रहे इससे निकलने वाली सुगंध नाक को खोलने में मदद करती है। अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना (छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें। इसे मुँह म ें रख कर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खाँसी ठीक हो जाती है। एक गिलास गरम पानी में चुटकीभर सेंधा नमक, चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर दिन में दो बार तथा सोते समय गरारे करने से गले की खराश में आराम मिलता है। एलोवेरा एक बेहतरीन स्किन टोनर है। एलोवेरा फेशवॉश से त्‍वचा की नियमित सफाई से त्‍वचा से अतिरिक्‍त तेल निकल जाता है, जो पिंपल्‍स यानी कील-मुहांसे को पनपने ही नहीं देता है। बालों को स्वस्थ रखने और उनको बीमारी इत्यादि से बचाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आपके बालों में चमक आएगी बल्कि आपके बाल कि

कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा -

कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा - गोरखमुंडी (चित्र देखे ) 100 ग्राम ले। ये जड़ी बूटी बेचने वालों से आसानी से मिल जाती है। इसे पीस ले। आसानी से पीस जाती है। 1 कप पानी को उबाले। उबलते पानी मे एक चम्मच गोरखमुंडी का पाउडर डाल दे। बर्तन को ढक दें। आंच बंद कर दे। 5 मिनट बाद छान कर पी ले। सुबह शाम 2 समय ले। यदि कड़वी दवा न पी सके तो मीठा मिला ले। यदि कब्ज भी हो तो आरोग्यवर्धिनी वटी (दिव्य फार्मेसी ) 1/2 ग्राम पानी के साथ सोते समय ले। 7-8 दिन मे मुहासे गायब हो जाएंगे। दवा 1 महिना ले । यदि ये दवा 6 महीने ले तो चश्मा उतर जाएगा। नजर कि कमजोरी दूर हो जाएगी। स्थायी लाभ के लिए हर दिन सुबह शीर्षासन करे 1-5 मिनट तक। लगाने के लिए Azithromycin Ointment लगाएँ। कील मुहासों के स्थायी दाग हटाने के लिए कैशोर गुगुल (दिव्य फार्मेसी ) 2-2 गोली गर्म पानी से ले। 6 महीने मे स्थायी दाग भी हट जाएंगे। चीनी +मैदा+चाय+अचार+इमली+ अमचूर न खाएं। जिसे भी इस चिकित्सा से लाभ हो वह अपना अनुभव जरूर लिखें  

हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!

हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!! सहज सुलभ उपाय .... 99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता.... पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें। पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार। इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें। * पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है। * इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं। * खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।

लौंग, इलायची ऐसे खाने से, ये जानलेवा बीमारी खत्म हो जाती है

लौंग, इलायची ऐसे खाने से, ये जानलेवा बीमारी खत्म हो जाती है ठंड ने पैर पसारने शुरु कर दी है और कडकडाती ठंड में अक्सर सांस से संबंधित समस्याओं में तेजी आ जाती है। ठंड के मौसम में हवा में तैरते प्रदूषित कण और परागकण भी सांस लेने की समस्या को और भी ज्यादा कर देते हैं। सांस लेने की समस्या जिसे अस्थमा या दमा के नाम भी जाना जाता है, इसके इलाज के लिए अनेक पारंपरिक नुस्खों को उपयोग में लाया जाता है, आज हम भी आपको सुझाएंगे कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खे जिनका इस्तमाल कर इस समस्या से छुटकारा पाने में काफी मदद मिल सकती है। अस्थमा (सांस लेने की समस्या) या दमा के संदर्भ में परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहें हैं डॉ दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले १६ सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्यप्रदेश), डाँग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहें हैं। लगभग ५० ग्राम अंगूर का रस गर्म करके स्वास या दमा के रोगी को पिलाया

सौन्दर्य ---------

सौन्दर्य --------- त्वचा की कान्ति ----- पहला प्रयोगः नींबू का रस एवं छाछ समान मात्रा में मिलाकर लगाने से धूप के कारण काला हुआ चेहरा निखर उठता है। दूसरा प्रयोगः राई के तेल में चने का आटा और हल्दी मिलाकर लगाने से त्वचा कान्तियुक्त होती है। तीसरा प्रयोगः मक्खन एवं हल्दी का मिश्रण करके रात्रि को सोते समय मुँह पर लगाने से मुँह कान्तिवान एवं निरोगी होता है। चौथा प्रयोगः चेहरे पर झुर्रियाँ हों तो दो चम्मच ग्लिसरीन में आधा चम्मच गुलाब जल एवं नींबू के रस की बूँदें मिलाकर मुँह पर रात्रि को लगायें। सुबह उठकर ठण्डे पानी से मुँह धो डालें। त्वचा का रंग निखरकर झुर्रियाँ कम हो जायेंगी। पाँचवाँ प्रयोगः तुलसी के पत्तों को पीसकर लुगदी बनाकर मुँह पर लगाने से मुँहासों के दाग धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं। छठा प्रयोगः एक कप दूध को उबालें। जब दूध गाढ़ा हो जाये तब उसे नीचे उतार लें। उसमें एक नींबू निचोड़ दें तथा हिलाते रहें जिससे दूध व नींबू का रस एकरस हो जाय। फिर ठण्डा होने के लिए रख दें। रात को सोते समय इसे चेहरे पर लगाकर मसलें। चाहें तो एक-डेढ़ घण्टे के अन्दर चेहरा धो सकते हैं या रात

कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा -----

कील मुहाँसे और फुंसी के 100% सफल चिकित्सा ----- ___________________________________________________ गोरखमुंडी (चित्र देखे ) 100 ग्राम ले। ये जड़ी बूटी बेचने वालों से आसानी से मिल जाती है। इसे पीस ले। आसानी से पीस जाती है। 1 कप पानी को उबाले । उबलते पानी मे एक चम्मच गोरखमुंडी का पाउडर डाल दे। बर्तन को ढक दें। आंच बंद कर दे। 5 मिनट बाद छान कर पी ले। सुबह शाम 2 समय ले। यदि कड़वी दवा न पी सके तो मीठा मिला ले। यदि कब्ज भी हो तो आरोग्यवर्धिनी वटी (दिव्य फार्मेसी ) 1/2 ग्राम पानी के साथ सोते समय ले। 7-8 दिन मे मुहासे गायब हो जाएंगे। दवा 1 महिना ले । यदि ये दवा 6 महीने ले तो चश्मा उतर जाएगा। नजर कि कमजोरी दूर हो जाएगी। स्थायी लाभ के लिए हर दिन सुबह शीर्षासन करे 1-5 मिनट तक। लगाने के लिए Azithromycin Ointment लगाएँ। कील मुहासों के स्थायी दाग हटाने के लिए कैशोर गुगुल (दिव्य फार्मेसी ) 2-2 गोली गर्म पानी से ले। 6 महीने मे स्थायी दाग भी हट जाएंगे। चीनी +मैदा+चाय+अचार+इमली+ अमचूर न खाएं। जिसे भी इस चिकित्सा से लाभ हो वह अपना अनुभव जरूर लिखें — with Rishi Raghav and 2 other